यदि तोर डाक सुने केऊ ना आशे, तबे एकला चालो रे, एकला चालो, एकला चालो, एकला चालो।

Monday, April 20, 2009

मणिपुर में विकास है मुद्दा

मणिपुर में लोकसभा की केबल दो सीटें हैं. फिर भी यहां चुनाव दो चरणों में हो रहा है. 16 अप्रैल को पहले चरण में आउटर मणिपुर संसदीय सीट का चुनाव हो गया. लगभग आठ लाख 70 हजार मतदाताओं ने वोट डाले. चुनाव शांतिपूर्ण रहा. अब दूसरे चरण में 22 अप्रैल को दूसरी सीट अंदरी (इनर) मणिपुर के लिए मतदान होगा. पहले चरण के चुनाव में भी निष्‍पक्ष और शांतिपूर्ण चुनाव कराने के लिए सुरक्षा के पुख्‍ता इंतजाम करने के आदेश जारी किए गए हैं.
30 लाख की आबादी वाले इस प्रदेश में दो संसदीय सीटें हैं- इनर और आउटर. आउटर के लिए पांच और इनर के लिए सात उम्‍मीदवार मैदान में हैं. इनर के सात उम्‍मीदवारों में निवर्तमान सांसद डॉ: टीएच मैन्‍य (कांग्रेस), टीएच चाउबा (मणिपुर पीपल्‍स पार्टी), डॉ: एन नर (सीपीआई), डब्‍ल्‍यू निपामाचा (भाजपा), एल क्षेत्रानी (बसपा) और दो निर्दलीय प्रत्‍याशी अब्‍दुलरहमान व एन होमेंद्रो हैं. उल्‍लेखनीय है कि इनर क्षेत्र के निवर्तमान सांसद डॉ: मैन्‍य इंफाल कॉलेज में गणित के प्राध्‍यापक रह चुके हैं. वह 2002 में कांग्रेस में शामिल हुए. सांसद बनने से पहले वह राज्‍य सरकार में शिक्षा मंत्री थे.
आउटर मणिपुर सीट पर मुख्‍य मुकाबला इंडियन नेशनल कांग्रेस के थोंसा वाइटे और निवर्तमान सांसद व पीपल्‍स डेमोक्रेटिक एलायंस के नेता मनि चरानमै के बीच है. वैसे एनसीपी के एलबी सोना, बीजेपी के लोली अदानि व राजद के चामखोंगम आउकिप भी चुनावी मैदान में हैं. बहरहाल, विकास की दौड में पिछडे मणिपुर को अपने सांसदों से काफी उम्‍मीदें हैं. लोगों को शिकायत है कि अब तक जो भी सांसद बने, उन्‍होंने सांसद निधि पर ही अधिक ध्‍यान दिया. जनता इस बात से अधिक नाराज है कि केंद्र और राज्‍य दोनों जगहों पर कांग्रेस की सरकारों के रहते हुए भी विकास का कोई काम नहीं हो रहा है. लोग अपने मुख्‍यमंत्री ओक्रम इबोबी से भी काफी खफा है. मुख्‍यमंत्री से यह नाराजगी लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को भारी भी पड सकती है. वैसे हैरानी की बात यह है कि आउटर और इनर क्षेत्रों के मुद्दे स्‍थानीय होते हुए भी समान नहीं है.जहां तक चुनाव प्रचार की बात है, तो यहां भाकपा नेता एबी वर्धन भी आ चुके हैं. उन्‍होंने पार्टी के उम्‍मीदवार डॉ नर सिंह के लिए जमकर प्रचार किया. कांग्रेस के युवा नेता राहुल गांधी भी चुडाचांदपुर में आए थे. एनसीपी प्रत्‍याशी एलबी सोना के लिए पूर्व लोकसभा अध्‍यक्ष पीए संगमा ने भी चुडाचांदपुर में सभा की. जीत के दावे सभी दल और प्रत्‍याशी कर रहे हैं. फिर भी बहुकोणीय मुकाबले में ऊंट किस करवट बैठेगा, यह कहना फिलहाल कठिन है.





मणिपुर में विकास है मुद्दा



मणिपुर में लोकसभा की केबल दो सीटें हैं. फिर भी यहां चुनाव दो चरणों में हो रहा है. 16 अप्रैल को पहले चरण में आउटर मणिपुर संसदीय सीट का चुनाव हो गया. लगभग आठ लाख 70 हजार मतदाताओं ने वोट डाले. चुनाव शांतिपूर्ण रहा. अब दूसरे चरण में 22 अप्रैल को दूसरी सीट अंदरी (इनर) मणिपुर के लिए मतदान होगा. पहले चरण के चुनाव में भी निष्पक्ष और शांतिपूर्ण चुनाव कराने के लिए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम करने के आदेश जारी किए गए हैं.
30 लाख की आबादी वाले इस प्रदेश में दो संसदीय सीटें हैं- इनर और आउटर। आउटर के लिए पांच और इनर के लिए सात उम्मीदवार मैदान में हैं। इनर के सात उम्मीदवारों में निवर्तमान सांसद डॉ टीएच मैन् (कांग्रेस), टीएच चाउबा (मणिपुर पीपल् पार्टी), डॉ एन नर (सीपीआई), डब्ल्यू निपामाचा (भाजपा), एल क्षेत्रानी (बसपा) और दो निर्दलीय प्रत्याशी अब्दुलरहमान एन होमेंद्रो हैं. उल्लेखनीय है कि इनर क्षेत्र के निवर्तमान सांसद डॉ मैन् इंफाल कॉलेज में गणित के प्राध्यापक रह चुके हैं. वह 2002 में कांग्रेस में शामिल हुए. सांसद बनने से पहले वह राज् सरकार में शिक्षा मंत्री थे.
आउटर मणिपुर सीट पर मुख् मुकाबला इंडियन नेशनल कांग्रेस के थोंसा वाइटे और निवर्तमान सांसद पीपल् डेमोक्रेटिक एलायंस के नेता मनि चरानमै के बीच है. वैसे एनसीपी के एलबी सोना, बीजेपी के लोली अदानि राजद के चामखोंगम आउकिप भी चुनावी मैदान में हैं. बहरहाल, विकास की दौड़ में पिछडे मणिपुर को अपने सांसदों से काफी उम्मीदें हैं. लोगों को शिकायत है कि अब तक जो भी सांसद बने, उन्होंने सांसद निधि पर ही अधिक ध्यान दिया. जनता इस बात से अधिक नाराज है कि केंद्र और राज् दोनों जगहों पर कांग्रेस की सरकारों के रहते हुए भी विकास का कोई काम नहीं हो रहा है. लोग अपने मुख्यमंत्री ओक्रम इबोबी से भी काफी खफा है. मुख्यमंत्री से यह नाराजगी लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को भारी भी पड सकती है. वैसे हैरानी की बात यह है कि आउटर और इनर क्षेत्रों के मुद्दे स्थानीय होते हुए भी समान नहीं है.
जहां तक चुनाव प्रचार की बात है, तो यहां भाकपा नेता एबी वर्धन भी चुके हैं. उन्होंने पार्टी के उम्मीदवार डॉ नर सिंह के लिए जमकर प्रचार किया. कांग्रेस के युवा नेता राहुल गांधी भी चुडाचांदपुर में आए थे. एनसीपी प्रत्याशी एलबी सोना के लिए पूर्व लोकसभा अध्यक्ष पीए संगमा ने भी चुडाचांदपुर में सभा की. जीत के दावे सभी दल और प्रत्याशी कर रहे हैं. फिर भी बहुकोणीय मुकाबले में ऊंट किस करवट बैठेगा, यह कहना फिलहाल कठिन है.

Saturday, April 18, 2009

पथ धूलि

पथ धूलि हूं मैं
युग-युग कुचलती रही
जन्‍मो-जन्‍मों से
गाली सुन रही
पथ धुली हूं मैं।
बडी आशा के साथ
जाना चाहा गगन में
जगह पावन में
पर, उतरती फिर
धरती पर
ऊंची गाली के साथ।
मैं चाहती हूं तुम्‍हारा पास
तुम्‍हें चाहती, पर तुझसे दूर रहती
पथ धुलि हूं मैं।
युगों के अभिशाप,
जन्‍मों की गाली,
तुम्‍हारा निवास मैदान
बडी धरती, सब
धूल से बने सिर्फ
भूलना नहीं, हमेशा
हमेशा कुचली
पथ धूलि हूं मैं।
चाह नहीं मुक्ति
मांग नहीं शांति
हे मनुष्‍य तुम्‍हारे
चरणों की धूलि बनूं,
तुम्‍हारे लातों कुचली मैं
काम पूरा कर सकूं,
आनंद से हंसूं
हर युग में कुचलती रही
जन्‍मों की गाली सुनती रही
पथ धूलि हूं मैं।

लीला

तूने मारा, मृदंग का ताल
तूने मारी, थापने की आवाज
मेरा मनपसंद ताल है
दो दिन के जीवन में,
चाहत नहीं समझते,
तुम्‍हारी इच्‍छा वहीं है
हर कदम पीछा करूं
भजन-कीर्तन करूं तुम्‍हारे नाम का
दुश्‍मन हजार-हजार आने दो
यदि सिर्फ तुमने हो, तो कुछ नहीं
सारे संकट आने दो
सामना करूं, दो शक्ति
सिर्फ तुम मत आना बचाने,
मुझे सम्‍मान पाने दो
हजारों जुदाई, लाखों तलाक आने दो
उसके लिए आंसू न गिरने दो,
उसके लिए न रोऊं, खाली हंसू
रोऊंगा न मिलने पर
सिर्फ मेरे लिए बने तुम।

Sunday, April 12, 2009

ओ राही !

ओ राही !
अगर दिल्‍ली जाना।
तो कहना अपनी सरकार से।
चर्खा चलाता है हाथों से।
शासन चलाता है तलवार से।

Saturday, April 11, 2009

चालीस करोड़ों को हिमालय ने पुकारा

चालीस करोड़ों को हिमालय ने पुकारा
होजाय पराधिन नहीं गंग की धारा
गंगा के किनारों को शिवालय ने पुकारा
हम भाई समझते जिसे दुनियां में उलझ के
वह घेर रहा आज हमें वैरी समझ के
चोरी भी करे और करे बात गरज के
बर्फों मे पिघलने को चला लाल सितारा
चालीस करोड़ों को हिमालय ने पुकारा

- गोपाल सिंह नेपाली