यदि तोर डाक सुने केऊ ना आशे, तबे एकला चालो रे, एकला चालो, एकला चालो, एकला चालो।

Monday, November 28, 2016

बनने से पहले ही विवादों में मणिपुर स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी


मणिपुर में स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी बनाना मोदी सरकार के पहले 100 दिन के एजेंडे में शामिल था. इसके लिए यूनियन बजट में 100 करोड़ रुपये का प्रावधान भी कर दिया गया. लेकिन अब तक यूनिवर्सिटी के लिए जमीन तय करने का काम भी पूरा नहीं हो पाया है. स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी में पढ़कर खिलाड़ी बनने का सपना पाले बच्चों का भविष्य केंद्र और राज्य सरकार के बीच मतभेदों में उलझ कर रह गया है. पहले सौ दिन क्या, मोदी सरकार ने अपने दो साल पूरे कर लिए लेकिन स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का वादा अभी तक अधर में लटका पड़ा है.
स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी के लिए राज्य सरकार से केंद्र की मांग 200 एकड़ जमीन की थी. लेकिन राज्य सरकार ने इसके लिए निर्धारित जमीन से ज्यादा ही एलॉट कर दिया. मणिपुर सरकार ने 27 अगस्त 2015 को याइथिबी लौकोल में 336.93 एकड़ जमीन स्पोर्ट्स मिनिस्ट्री को दे दी थी. याइथिबी लौकोल, थौबाल जिले में पड़ता है. हालांकि जमीन मालिक शुरू से ही इसका विरोध कर रहे थे. राज्य सरकार के द्वारा जमीन एलॉट किए जाने के एक साल बाद चार नवंबर 2016 को इंफाल दौरे पर आए केंद्रीय खेल मंत्री विजय गोयल ने उस जगह को स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी के लिए नापसंद कर दिया.

स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी के लिए राज्य सरकार ने थौबाल जिले के सोरा गांव स्थित याइथिबी लौकोल की जो जमीन एलॉट की थी, वह उपजाऊ खेतीहर जमीन है. सोरा दो पहाड़ों के बीच बसा एक गांव है, जिसकी आवादी 7500 के करीब है. लगभग 300 जमीन मालिकों ने उस जमीन पर स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी बनाने का विरोध किया था. सोरा निवासी इफेक्टेड लैंड एसोसिएशन के जॉइंट सेक्रेटरी एमडी नजीमुद्दीन का कहना है कि यह विरोध लैंड एक्यूजिशन से पहले हुआ था. हम लोग भी विकास चाहते हैं. मणिपुर में स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी बनाने का हम स्वागत करते हैं. लेकिन इस जमीन पर लोगों की रोजी रोटी चल रही है. अगर यहां स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी बनता है, तो हमारा घर और खेती की जमीन बर्बाद हो जाएंगे. हमें ऐसा विकास पसंद नहीं, जो हमें बेघर बनाकर किया जा रहा है. इसलिए हम लोग विरोध करते हैं. राज्य सरकार के द्वारा लोगों को जानकारी नहीं देने की वजह से जमीन पर विवाद बढ़ा. विजय गोयल के इंफाल दौरे में याइथिबी लौकोल में स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी बनाने के फैसले से नाखुश ग्रामीणों ने जमकर विरोध किया. भीड़ को काबू कर रही पुलिस और ग्रामीणों में तीखी नोक-झोक भी हुई, जिसमें 22 लोग घायल हुए.
अब सोरा के लोगों के विरोध को केंद्र सरकार की तरफ से इस जगह को नापसंद करने की वजह बताया जा रहा है. राज्य के लोगों ने आरोप लगाया कि सोरा की जनता ने भाजपा से मिलकर यहां से यूनिवर्सिटी को शिफ्ट करवाया है. लोगों को इस बात का भी डर है कि जमीन विवाद को देखते हुए कहीं इस यूनिवर्सिटी को मणिपुर से असम शिफ्ट न कर दिया जाए. पूर्व खेल मंत्री, असम के सीएम सर्वानंद सोनोवाल पहले भी स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी को असम में खुलवाने की बात कह चुके हैं. जमीन चिन्हित करते समय ही अगर राज्य सरकार ने इस बारे में जानकारों से राय-मशवरा लिया होता, तो यह विवाद नहीं होता. अब विवाद बढ़ गया, तब मुख्यमंत्री ने बयान जारी किया कि राज्य सरकार को राज्य में कहीं पर भी यूनिवर्सिटी बनाने में कोई एतराज नहीं है. अगर उन्होंने यह बयान पहले दिया होता, तो सब सामान्य होता. राज्य सरकार को अब भी जमीन विवाद को लेकर स्पष्ट रुख अपनाना चाहिए, ताकि जल्द से जल्द यूनिवर्सिटी का कार्य शुरू हो सके. राज्य में अगले साल विधानसभा चुनाव होना है. ऐसे में राज्य की कांग्रेस सरकार और विपक्षी भाजपा इस मुद्दे का राजनीतिक लाभ लेना चाह रही हैं. दोनों एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप का खेल खेल रहे हैं. होना यह चाहिए कि केंद्र और राज्य की सरकारें एकमत होकर स्थानीय जनता के सहयोग से एक जगह तय करें, ताकि पूर्वोत्तर के युवाओं ने इस स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी के सहारे खिलाड़ी बनने का जो सपना देखा है, वह सच साबित हो सके.

याइथिबी लौकोल की जगह कौक्रूक में बने स्पोर्ट्स यूनिवसिर्टीः विजय गोयल

राज्य सरकार याइथिबी लौकोल में स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी बनाना चाहती हैलेकिन केंद्र सरकार इस जगह को पसंद नहीं करती. खेल मंत्री के इंफाल दौरे के दौरान उन्होंने पत्रकारोंे से बताया कि मणिपुर एक छोटा राज्य होने के बाद भी खेलकूद के क्षेत्र में आगे है. मणिपुर के खिलाड़ियों ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देश का नाम रौशन किया है. आगे भी मणिपुर से और भी खिलाड़ी देश का नाम कमाएंगेइसी मकसद से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मणिपुर में एक स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी बनाने का एलान किया था. उन्होंने कहा कि खेल के क्षेत्र में सबसे आगे रहने वाले राज्य में स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी बनाने में देरी होना सही नहीं है. कहां जमीन देना हैयह राज्य सरकार की मर्जी है. राज्य सरकार ने जमीन देने में दो साल लगा दिया. उसके बाद भी जो जमीन मिली हैवह विवादित होने के साथ-साथ लो लैंड जमीन भी है. यह जगह राजधानी इंफाल से ज्यादा दूरी पर हैजो कानून व्यवस्था के लिहाज से भी सही नहीं है. यह यूनिवर्सिटी केवल देश के लिए नहीं विदेशों से भी कोच और खिलाड़ी आनेवाले हैं. इसलिए हम चाहते हैं कि यह स्पोटर्स यूनिवसिर्टी याइथिबी लौकोल की जगह इंफाल वेस्ट स्थित कौक्रूक में बने. 

राज्य ने नहीं केंद्र ने तय की थी जमीन : मुख्यमंत्री
राज्य के मुख्यमंत्री ओक्रम इबोबी सिंह ने कहा कि मणिपुर में नेशनल स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी बनाने की जगह राज्य ने तय नहीं किया था. यह निर्णय केंद्र सरकार का था. जमीन फाइनल करने से पहले हमने उसे केंद्र सरकार के प्रतिनिधियों को दिखाया था. अगर यह जमीन पसंद नहीं आई, तो उन्हें पहले ही कहना चाहिए था. सबकुछ तय होने के बाद अब इस तरह का बयान आना आश्‍चर्यजनक बात है. केंद्र के आदेश पर राज्य सरकार ने कुछ जगहों को स्पोर्ट्स मिनिस्ट्री के सेक्रेटरी को दिखाया था. उन जगहों में कौक्रूक, याइथिबी लौकोल, नारानसैना और ताकमू आदि शामिल था. उन जगहों में याइथिबी लौकोल को सबसे ज्यादा पसंद किया था. अब एक साल बाद केंद्र सरकार की तरफ से याइथिबी लौकोल को नापसंद करने की बात समझ से परे है. राज्य सरकार की तरफ से राज्य की किसी भी जगह पर स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी बनाने में कोई आपत्ति नहीं है.