इतिहास के इस नाजुक मोड़ पर
मैंने अपनी छोटी सी जिंदगी में
केवल आतंक और दहला देने वाली हिंसा देखि हैं
मैं जानती हूँ अब मेरी पीठ पर
रायफल को ही रहना हैं।
अगर वक्त मुझे अनदेखा करके चला गया
तो भला मैं लम्बी जिंदगी का क्या करूंगी।
-फेजेका मैकोनीज साभार : जनसत्ता
साउथ अफ्रीका
Friday, May 16, 2008
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