30 लाख की आबादी वाले इस प्रदेश में दो संसदीय सीटें हैं- इनर और आउटर. आउटर के लिए पांच और इनर के लिए सात उम्मीदवार मैदान में हैं. इनर के सात उम्मीदवारों में निवर्तमान सांसद डॉ: टीएच मैन्य (कांग्रेस), टीएच चाउबा (मणिपुर पीपल्स पार्टी), डॉ: एन नर (सीपीआई), डब्ल्यू निपामाचा (भाजपा), एल क्षेत्रानी (बसपा) और दो निर्दलीय प्रत्याशी अब्दुलरहमान व एन होमेंद्रो हैं. उल्लेखनीय है कि इनर क्षेत्र के निवर्तमान सांसद डॉ: मैन्य इंफाल कॉलेज में गणित के प्राध्यापक रह चुके हैं. वह 2002 में कांग्रेस में शामिल हुए. सांसद बनने से पहले वह राज्य सरकार में शिक्षा मंत्री थे.
आउटर मणिपुर सीट पर मुख्य मुकाबला इंडियन नेशनल कांग्रेस के थोंसा वाइटे और निवर्तमान सांसद व पीपल्स डेमोक्रेटिक एलायंस के नेता मनि चरानमै के बीच है. वैसे एनसीपी के एलबी सोना, बीजेपी के लोली अदानि व राजद के चामखोंगम आउकिप भी चुनावी मैदान में हैं. बहरहाल, विकास की दौड में पिछडे मणिपुर को अपने सांसदों से काफी उम्मीदें हैं. लोगों को शिकायत है कि अब तक जो भी सांसद बने, उन्होंने सांसद निधि पर ही अधिक ध्यान दिया. जनता इस बात से अधिक नाराज है कि केंद्र और राज्य दोनों जगहों पर कांग्रेस की सरकारों के रहते हुए भी विकास का कोई काम नहीं हो रहा है. लोग अपने मुख्यमंत्री ओक्रम इबोबी से भी काफी खफा है. मुख्यमंत्री से यह नाराजगी लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को भारी भी पड सकती है. वैसे हैरानी की बात यह है कि आउटर और इनर क्षेत्रों के मुद्दे स्थानीय होते हुए भी समान नहीं है.जहां तक चुनाव प्रचार की बात है, तो यहां भाकपा नेता एबी वर्धन भी आ चुके हैं. उन्होंने पार्टी के उम्मीदवार डॉ नर सिंह के लिए जमकर प्रचार किया. कांग्रेस के युवा नेता राहुल गांधी भी चुडाचांदपुर में आए थे. एनसीपी प्रत्याशी एलबी सोना के लिए पूर्व लोकसभा अध्यक्ष पीए संगमा ने भी चुडाचांदपुर में सभा की. जीत के दावे सभी दल और प्रत्याशी कर रहे हैं. फिर भी बहुकोणीय मुकाबले में ऊंट किस करवट बैठेगा, यह कहना फिलहाल कठिन है.