मैं उसे प्यार करती हूं
मैं उसे छूना चाहती हूं
उसके हाथों को
उसके होठों को
चूमना चाहती हूं उसका चेहरा
सदा मेरी आंखों में रहता है
जैसे वहीं उसका घर हो।
मैं मरूंगी नहीं,
मेरी मुस्कान अमिट है।
देख लेना,
एक दिन हमारा घर होगा
जिसमें हमारे बच्चे खेलेंगे
हरी घास पर
निष्कंटक
मुक्त
सेना के पहरे के परे
हरी घास
पूरे उत्तर-पूर्व में फैल जाएगी।
** इरोम ने कहा है कि मुक्ति के बाद वह अपने प्रेमी से विवाह करेगी, जिसे उसने एक बार अदालत में देखा है।
-रवींद्र वर्मा
संपर्क : 09696368671
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