यदि तोर डाक सुने केऊ ना आशे, तबे एकला चालो रे, एकला चालो, एकला चालो, एकला चालो।

Thursday, July 3, 2008

मणिपुरी में हिंसा का एक दृश्य

अक्सर मणिपुर में इस तरह के हिंसा आम बात है. युवा वर्ग कितना संवेदनशील से रहता है इस वीडियो से गवाह है.यह देखकर आप अनुमान लगा सकता है कि मणिपुर में आम लोगों के प्रति रक्षकों का क्या व्यवहार है.यह खुद जान सकते हैं.


1 comment:

Ashok Pande said...

मैं शर्मिन्दा हूं कि भारतीय हूं. धन्यवाद दोस्त ऐसी सच्चाई से सामना कराने का.